पानी के अभाव में माइनर सूखे किसान कैसे डालें धान की नर्सरी

पानी के अभाव में माइनर सूखे किसान कैसे डालें धान की नर्सरी


रिपोर्टर/कृष्णा नन्द मौर्य
श्रावस्ती सिंचाई व्यवस्था के उददेश्य से अगर अध्ययन किया जाये तो यह स्पष्ट है कि जिले के अधिकांश माइनर पानी के अभाव में सूख गये हैं सिंचाई ब्यवस्था को बेहतर बनाने के उददेश्य से सरयू नहर परियोजना का निर्माण किया गया था इसके लिए लाखों रुपये खर्च करके छोटी छोटी नहरें भी निकाली गई थी यह सारी व्यवस्था देखकर किसानों के चेहरे भी खिल उठे थे उनमें उम्मीद जगी थी कि उनके खेतों की प्यास इस नहर से बुझेगी समय के साथ यह नहर उदासीनता की भेंट चढ़ गया । पानी के अभाव में अब माइनरों का भी हलक सूख रहा है । वहीं किसान नहर निर्माण के लिए खेत देकर भी प्यासे हैं । एक दशक से इस नहर की माइलें सूख चुकी हैं । कभी खुशी के साथ नहर निर्माण के लिए खेत देने वाले किसान सिर पर हाथ धरे बैठे हैं । उनके पास खेती के लिए न तो पर्याप्त जमीन है और न ही बचे हुए खेत की सिंचाई के लिए नहरों में पानी खुशी के चेहरे अब मुरझा चुके हैं । पानी के अभाव में मेंथा व गन्ने की नगदी फसल की खेती करने के लिए उन्हें पंपिंग सेंटों का सहारा लेना पड़ रहा है । जो मंहगा तो है ही साथ ही समय के साथ डीजल उपलब्ध न होने के कारण परेशानियों भरा भी है । ऐसे में किसानों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए माइनरों में पानी पहुंचाने की मांग की है। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।